Uttar Pradesh का पहला ग्लास स्काई वाक bridge चित्रकूट में तुलसी (शबरी) जलप्रपात पर बनकर तैयार हो गया है। Uttar Pradesh का यह bridge भगवान राम के धनुष और बाण के आकार में बनाया गया है और 40 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। यह ब्रिज न केवल अपनी अनूठी संरचना के लिए, बल्कि प्राकृतिक सुंदरता के मनोरम दृश्यों के लिए भी पर्यटकों को आकर्षित करेगा।

यह bridge पर्यटकों के लिए लोकसभा चुनाव के बाद खोला जाएगा। इस ब्रिज के आसपास हर्बल गार्डन और रेस्टोरेंट बनाए जा रहे हैं। भविष्य में यह ईको टूरिज्म का एक बड़ा केंद्र बन जाएगा।

यहां कुछ रोचक तथ्य दिए गए हैं:

  • ब्रिज का निर्माण: 3.70 करोड़ रुपये की लागत से हुआ है इसका आकार धनुष और बाण की तरह है इस बाण की लंबाई 25 मीटर और जो धनुष की चौड़ाई है वह 35 मीटर है वहीं यह ब्रिज करीब 40 फीट ऊँचा है।
  • विशेषताएं:
    • 40 फीट ऊंचाई से जंगल और झरने का मनोरम दृश्य
    • हर्बल गार्डन और रेस्टोरेंट
    • भविष्य में ईको टूरिज्म केंद्र

यह ब्रिज पर्यटकों के लिए एक आकर्षक स्थान होगा और चित्रकूट में पर्यटन को बढ़ावा देने में मदद करेगा।

यह भी ध्यान देने योग्य है कि:

  • राजगीर में 200 फीट ऊंचाई वाला एक ग्लास ब्रिज भी है।
  • यह ब्रिज चीन के हांगझोऊ में स्थित ग्लास ब्रिज की तरह है।

उत्तर प्रदेश का यह नया ग्लास स्काई वाक ब्रिज निश्चित रूप से पर्यटकों के बीच लोकप्रिय होगा।

1. निर्माण:

  • इस ब्रिज का निर्माण 3.70 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है।
  • यह ब्रिज धनुष और बाण के आकार में बनाया गया है, जो भगवान राम से जुड़ा हुआ है।
  • यह ब्रिज 25 मीटर लंबा (बाण) और 35 मीटर चौड़ा (धनुष) है।
  • यह ब्रिज 40 फीट की ऊंचाई पर स्थित है।

2. विशेषताएं:

  • इस ब्रिज से 40 फीट ऊंचाई से जंगल और झरने का मनोरम दृश्य दिखाई देता है।
  • इस ब्रिज के आसपास हर्बल गार्डन और रेस्टोरेंट बनाए जा रहे हैं।
  • भविष्य में यह ईको टूरिज्म का एक बड़ा केंद्र बन जाएगा।

3. पर्यटन:

  • यह ब्रिज पर्यटकों के लिए एक आकर्षक स्थान होगा।
  • यह ब्रिज चित्रकूट में पर्यटन को बढ़ावा देने में मदद करेगा।

4. तुलना:

  • राजगीर में 200 फीट ऊंचाई वाला एक ग्लास ब्रिज भी है।
  • यह ब्रिज चीन के हांगझोऊ में स्थित ग्लास ब्रिज की तरह है।

उत्तर प्रदेश का यह नया ग्लास स्काई वाक ब्रिज निश्चित रूप से पर्यटकों के बीच लोकप्रिय होगा। यह ब्रिज न केवल अपनी अनूठी संरचना और प्राकृतिक सुंदरता के मनोरम दृश्यों के लिए, बल्कि चित्रकूट में पर्यटन को बढ़ावा देने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.

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