भारत के प्रमुख शहरों में real estate sector में एक दिलचस्प बदलाव देखने को मिल रहा है। जहां एक ओर महंगे घरों (luxury apartment) की डिमांड में तेजी है, वहीं दूसरी ओर किफायती घरों (सस्ते घर) की बिक्री में गिरावट दर्ज की जा रही है।
Delhi-NCR में लग्जरी घरों का दबदबा:
- कुशमैन एंड वेकफील्ड की रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली-एनसीआर लग्जरी अपार्टमेंट की मांग के मामले में देश के अन्य बाजारों से आगे है।
- मार्च तिमाही में, दिल्ली-एनसीआर में कुल लॉन्चिंग में लग्जरी अपार्टमेंट का हिस्सा 61% था, जो देश के अन्य शहरों (मुंबई – 26%, बेंगलुरु – 19%) से कहीं ज्यादा है।
- ₹15,000 प्रति वर्ग फुट से अधिक कीमत वाले घरों को लग्जरी कैटेगरी में रखा गया है।
- रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली-एनसीआर में लग्जरी अपार्टमेंट लॉन्च होते ही बिक जाते हैं।
यह ट्रेंड कोविड के बाद से शुरू हुआ:
- रिपोर्ट बताती है कि यह बदलाव Coronavirus pandemic के बाद से दिख रहा है।
- 2019 में, अहमदाबाद में लग्जरी अपार्टमेंट की बिक्री केवल 6% थी, जो 2024 में बढ़कर 38% हो गई है।
- इसी तरह, पिछले 5 वर्षों में, बेंगलुरु (11% से 19%), चेन्नई (9% से 28%) और हैदराबाद (42% से 53%) में लग्जरी घरों की बिक्री में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
सस्ते घरों की बिक्री में गिरावट:
- प्रॉपटाइगर की रिपोर्ट के अनुसार, मार्च तिमाही में ₹45 लाख से ₹75 लाख की रेंज में घरों की बिक्री 26% पर स्थिर रही।
- ₹75 लाख से ₹1 करोड़ तक के घरों का शेयर 12% से बढ़कर 15% हो गया।
- ₹1 करोड़ से अधिक के घरों की हिस्सेदारी साल भर पहले के 24% से बढ़कर 37% हो गई।
- कुल बिक्री में किफायती घरों का शेयर कम होकर 22% पर आ गया।
- ₹25 लाख से कम के घरों की हिस्सेदारी 5% रही, जबकि ₹25 लाख से ₹45 लाख तक के घरों की हिस्सेदारी घटकर 17% रह गई।
यह बदलाव दर्शाता है कि भारतीय रियल एस्टेट बाजार में ध्रुवीकरण बढ़ रहा है। लग्जरी घरों की डिमांड मजबूत बनी हुई है, जबकि सस्ते घरों की बिक्री में गिरावट आई है।
यह बदलाव कई कारकों के कारण हो सकता है, जैसे:
- बढ़ती आय असमानता
- ब्याज दरों में वृद्धि
- शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव
- लग्जरी घरों की बढ़ती लोकप्रियता
यह देखना बाकी है कि क्या यह ट्रेंड आने वाले समय में भी जारी रहेगा या फिर इसमें बदलाव आएगा।